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1. नराशंस और अन्तिम ऋषि 

 लेखकःडॉ. वेदप्रकाश उपाध्‍यायएम. ए. (इलाहाबाद), (एम.एन.यू. अमृतसर)एल. एल. बी. डी.   फिल. डी. लिट. (इलाहाबाद आचार्य)वेद, दर्शन, धर्मशास्‍त्र, डिप. इन जर्मन, स्‍वर्ण पदक-प्राप्‍त,रीडर, पंजाब यूनिवर्सिटी, चण्‍डीगढ़

2 कल्कि अवतार और मुहम्मद साहब  

 लेखकःडॉ. वेदप्रकाश उपाध्‍यायएम. ए. (इलाहाबाद), (एम.एन.यू. अमृतसर)एल. एल. बी. डी.   फिल. डी. लिट. (इलाहाबाद आचार्य)वेद, दर्शन, धर्मशास्‍त्र, डिप. इन जर्मन, स्‍वर्ण पदक-प्राप्‍त,रीडर, पंजाब यूनिवर्सिटी, चण्‍डीगढ़

3 हज़रत मुहम्‍मद (सल्ल.) और भारतीय धर्म-ग्रन्‍थ

लेखक  डा. एम. श्रीवास्‍तव

Comments

  1. यह सब झूठी बात है क्योंकि ईश्वर कभी भी जोर जबरदस्ती नहीं करते वह तो पृमपमेशवर वे निराकार है जो बात कहते हैं तुम्हारे यहाँ महाभारत में युद्ध हुआ था तो इस्लाम ने भी यही काम किया इन्ह दोनों बातों में अन्तर है सनातन धर्म में राजा गलत करता है व पाप करता है भाईयो का हक सीनता है जो अधॅम करता है उस समय यह युद्ध हुआ था मगर बार से दुसरो के घर में आकर मारना व लड़कियों को लेजाना और कहना अल्लाह के अलावा किसी को नहीं मानना चाहिए और धमॅ बदलना यह महाभारत का काम नहीं था सिर्फ अत्याचार मिटाना यह बात नहीं थी कि मेरे अलावा किसी को नहीं मानोगे आज तक कभी इतिहास में ऐसा ईश्वर का सन्देश वाहक नहीं हुआ जो जबरदस्ती करे वह ऊपरवाले के नाम से हत्या करे यह ऊपरवाले का काम नहीं है वो तो अच्छा कमॅ करने वाले को जन्नत देता है जो गलत कमॅ करेगा उसे नर्क मिलेगा यह काम मरने के बाद ऊपरवाला करता है यह सब धरती पर इन्सान ने अपने हाथ में लेकर ऊपरवाले ने कहा है कि जो मेरा नाम नहीं लेता है उन्हें मारो यह ऊपरवाला कभी एसा सन्देश नहीं देगा सब समझदार हैं अपने दिमाग में ईश्वर ने कुछ ज्ञान तो दिया है धरती पर दो तरह के इन्सान होते हैं पापी व धमॅ धमॅ की परिभाषा है पाप नहीं करना व किसी को दुखी नहीं करना व हत्या नहीं करनी पशु पक्षियों और धरती की सभी चीजों से पृेम करना चाहिए पापी व धमॅ का निर्णय यहां धरती पर होगा तो ऊपरवाला क्या करेगा धन्यवाद सब को

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