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Showing posts from 2013

अन्तिम ऋषि कलकि अवतार वेद पुराण हिन्दू धर्म

सत्य हमेशा स्पष्ट होता है।  यह बात और है कि हम उसे न समझ पाएँ या कुछ लोग हमें इससे दूर रखने का कुप्रयास करें। अब यह बात छिपी नहीं रही कि वेदों, उपनिषदों और पुराणों में इस दृष्टि के अन्तिम पैग़म्बर (संदेष्टा) हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) के आगमन की भविष्यवाणियां की गई हैं। मानवतावादी सत्य गवेषी विद्वानों ने ऐसे अकाट्य प्रमाण पेश कर दिए, जिससे सत्य खुलकर सामने आ गया है। वेदों में जिस उष्ट्रारोही (ऊँट की सवारी करनेवाले) महापुरुष के आने की भविष्यवाणी की गई है, वे मुहम्मद (सल्ल.) ही है। वेदों के अनुसार उष्ट्रारोही का नाम ‘नराशंस’ होगा। ‘नराशंस’ का अरबी अनुवाद ‘मुहम्मद’ होता है। ‘नराशंस’ के बारे में वर्णित समस्त क्रियाकलाप हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) के आचरणों और व्यवहारों से आश्चर्यजनक साम्यता रखते हैं। पुराणों और उपनिषदों में कल्कि अवतार की चर्चा है, जो हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) ही सिद्ध होते हैं। कल्कि का व्यक्तित्व और चारित्रिक विशेषताएं अंतिम पैग़म्बर (सल्ल.) के जीवन-चरित्र को पूरी तरह निरूपित करती हैं। यही नहीं उपनिषदों में साफ़ तौर से हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) का नाम आया है और उ...

kalki awtar avtar antim rishi

Kalki Avtar Muhammad salla allahu alaihi wa sallam According to Hindu belief an Avtar is going to appear in the future, who will be the final Avtar and he will be bless for all mankind and kill the evil. There are several indications and specifications have been predicted and mentioned about the Avtar. match yourselves if the indications 100% fit on Prophet Muhammad Peace be upon him . No other Avtar in the future can be fit on these specifications, because all the incidents which have been mentioned about the coming of Avtar have already been passed through with the life of Prophet Muhammad peace be upon him . NAME OF KALKI AVTAR * According to Kalki Puran the name of Kalki Avtar will be "SARWANAMA" . The meaning of "ANAMA" is praised one and "SARW" mean most of all, so "Sarwanama" means the most praised one and in Arabic language "Muhammad " has the same meaning, if we translate Sanskrit word Sarwanama in to Arabic lang...

मुसलमान लोग यह गुमान क्यों करते हैं कि उन्हीं का धर्म सच्चा है?

मुसलमान लोग यह गुमान क्यों करते हैं कि उन्हीं का धर्म सच्चा है? मुसलमान लोग यह गुमान क्यों करते हैं कि उन्हीं का धर्म सच्चा है ? क्या उनके पास इसके संतोषजनक कारण हैं ? हर प्रकार की प्रशंसा और स्तुति अल्लाह के लिए योग्य है। प्रिय प्रश्नकर्ता , शुभ प्रणाम के बाद , पहले पहल तो आप का प्रश्न एक ऐसे व्यक्ति की तरफ से जो इस्लाम धर्म में प्रवेश नहीं किया है उचित प्रतीक होता है , किन्तु जो आदमी इस धर्म को व्यवहार में ला चुका है , इसके अंदर जो चीज़ें हैं उन पर उसका विश्वास और आस्था है और वह उस के अनुसार कार्य कर रहा है , तो उसे पूर्णतया उस नेमत की मात्रा का पता है जिस में वह जीवन यापन कर रहा है और वह इस धर्म की छत्र छाया में रह रहा है , इसके बहुत सारे कारण हैं जिन में से कुछ निम्नलिखित हैं : 1- मुसलमान केवल एक मा ’ बूद (पूज्य) की उपासना करता है जिसका कोई साझीदार नहीं , जिसके सुंदर नाम और उच्चतम गुण हैं। चुनाँचि मुसलमान की दिशा और उसका उद्देश्य एक होता है , वह अपने पालनहार और सृष्टिकर्ता पर विश्वास रखता और उसी पर भरोसा करता है , और उसी से मदद , सहायता और समर्थन मांगता...

आखरी रसूल

सत्य हमेशा स्पष्ट होता है।  यह बात और है कि हम उसे न समझ पाएँ या कुछ लोग हमें इससे दूर रखने का कुप्रयास करें। अब यह बात छिपी नहीं रही कि वेदों, उपनिषदों और पुराणों में इस दृष्टि के अन्तिम पैग़म्बर (संदेष्टा) हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) के आगमन की भविष्यवाणियां की गई हैं। मानवतावादी सत्य गवेषी विद्वानों ने ऐसे अकाट्य प्रमाण पेश कर दिए, जिससे सत्य खुलकर सामने आ गया है। वेदों में जिस उष्ट्रारोही (ऊँट की सवारी करनेवाले) महापुरुष के आने की भविष्यवाणी की गई है, वे मुहम्मद (सल्ल.) ही है। वेदों के अनुसार उष्ट्रारोही का नाम ‘नराशंस’ होगा। ‘नराशंस’ का अरबी अनुवाद ‘मुहम्मद’ होता है। ‘नराशंस’ के बारे में वर्णित समस्त क्रियाकलाप हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) के आचरणों और व्यवहारों से आश्चर्यजनक साम्यता रखते हैं। पुराणों और उपनिषदों में कल्कि अवतार की चर्चा है, जो हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) ही सिद्ध होते हैं। कल्कि का व्यक्तित्व और चारित्रिक विशेषताएं अंतिम पैग़म्बर (सल्ल.) के जीवन-चरित्र को पूरी तरह निरूपित करती हैं। यही नहीं उपनिषदों में साफ़ तौर से हज़रत मुहम्मद (सल्ल.) का नाम आया है और उन्...

नराशंस और अन्तिम ऋषि

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वेदों में, बाइबिल में तथा बौद्ध् ग्रन्‍थों में अन्तिम ऋषि‍ के रूप में जिसके आने की घोषणा की गई थी, वह मोहम्‍मद साहब ही सिद्घ होते थे, अतः मेरे अन्‍तःकरण ने मुझे यह प्रेरणा दी, कि सत्‍य को खोलना आवश्‍यक है, भले ही वह लोगों को बुरा लगने वाला हो।--डॉ. वेदप्रकाश उपाध्‍याय-- ---- ---- लेखकः डॉ. वेदप्रकाश उपाध्‍याय एम. ए. (इलाहाबाद), (एम.एन.यू. अमृतसर) एल. एल. बी. डी. फिल. डी. लिट. (इलाहाबाद आचार्य) वेद, दर्शन, धर्मशास्‍त्र, डिप. इन जर्मन, स्‍वर्ण पदक-प्राप्‍त, रीडर, पंजाब यूनिवर्सिटी, चण्‍डीगढ़ --------------- प्रकाशक ख़ालिद बुक डिपो, कोटा (राज.) --------------- विषय-सूची भूमिका - वेद प्रकाश उपाध्‍याय अध्‍याय-1 -----नराशंस शब्‍द का अर्थ (वेदों के अनुसार नराशंस का स्वरूप) अध्‍याय-2 -----नराशंस के गुण और महत्‍व (वेदों के अनुसार नराशंस का स्वरूप) अध्‍याय-3 -----नराशंस की सिद्धि‍ (वेदों के अनुसार नराशंस का स्वरूप) अध्‍याय-4 -----मूसा की पाँचवी अवतरित‘व्यवस्था-विवरण’पुस्तक के अनुसार अध्‍याय-5 -----ईसा मसीह के शब्दों के अनुसार एलिय्याह से सम्बन्धित भविष्यवाणी अंति...